इसवी सन
दोस्तों आज हम जानेंगे ईशा के कैलेंडर के बारे में जो आज हम यूज कर रहे हैं। और यह कैलेंडर कब शुरू हुआ कैसे शुरू हुआ इसकी विस्तृत माहिती।
ईशा के जन्म के बाद जो कैलेंडर शुरू हुआ उसको ईशा कैलेंडर कहते है। और इसको इसवी सनसे लिखा जाता है। आज इसवी सन 2019 चल रहा है। यानी के ईशा के जन्म से 2019 साल गुजर गए हैं। ईशा के जन्म के पहले के सालों को ईसा पूर्व कहते हैं और, वह ईशा के जन्म के पहले के सालों को दर्शाता है।जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर में इसवी ईसा मसीह के जन्म के सालों को दर्शाया गया है और ईसा पूर्व उनके जन्म से पूर्व के वर्षों को दर्शाता है।
जूलियन कैलेंडर
जूलियन कैलेंडर प्राचीन प्रकार का रोमन कैलेंडर था जो दोषपूर्ण था उसकी जगह आज ग्रेगोरी कैलेंडर उपयोग में लिया जाता है।ग्रेगोरियन कैलेंड
ग्रेगोरियन कैलेंडर या के ग्रेगोरी काल दर्शन दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला तिथि पत्रक है, यह जूलियन कालदर्शक का रूपांतरण है। इसे पोप ग्रेगरी ने लागू किया था इसीलिए इसका नाम ग्रेगोरियन कालदर्शक पड़ा। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था जिसमें कई त्रुटि आती थी जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर किया गया। जैसे हिंदू धर्म में मूल इकाई तिथि होती है वैसे ही ग्रेगोरी काल दर्शन में मूल इकाई दिन होता है। और 365 दिन का 1 साल होता है किंतु किंतु हर 4 साल में एक दिन ज्यादा गिनती किया जाता है यानी कि वह साल 366 दिन का गिना जाता है, जिसे अधिवर्ष या लीपयर कहा जाता है सूर्य पर आधारित यह पंचांग 1,46,097 दिनों में बांटा गया है यानी कि इतने साल बाद इसको दोहराया जाता है। इसे 400 सालों में बांटा गया है और यह 20,871 सप्ताह के बराबर होता है इन 400 वर्षों में 303 साल 365 दिन के होते हैं और 97 साल लीप ईयर होते हैं जिनमें 366 दिन होते हैं। इस प्रकार हर वर्ष में 365 डेज 5 घंटे 49 मिनट और 12 सेकंड होते हैं।
कैलेंडर में सुधार
पुराने जूलियन कैलेंडर में 1 वर्ष में 365 दिन 6 घंटे का समय होता था किंतु इसके कारण हर साल में 11 मिनट और 14 सेकंड अधिक गिनती होते थे जबकि वर्ष 365 डेज 5 घंटा 48 मिनट और 46 सेकंड का होता था। वैसे इतने घंटे से क्या फर्क पड़ेगा ऐसा हम सोचते हैं, पर जब 400 सालों में देखा जाए तो यह 3 दिन के बराबर होते हैं जो बहुत ही ज्यादा होते है इसके कारण 1582 में होने वाला नाइस नगर का धर्म सम्मेलन 10 दिन पीछे चल रहा था।जो इसवी सन 325 में सुरु हुआ था। इस भूल पर सर्वप्रथम रोम के पॉप ग्रेगरी ने जो के13 वे पॉप थे उन्होंने गहराई से विचार किया इस से उन्हों ने निपल्स के ज्योतिषी एलाय सियास लिलियास के साथ विचार-विमर्श करके 1582 के 5 अक्टूबर में 10 दिन जोड़कर उसे 15 वीं अक्टूबर घोषित कर दिया और यह नियम लगाया 4 साल की बजाए यदि 400 साल से पूरी तरह विभाजित हो उसी वर्ष को लीप यर माना जाएगा1582 ईस्वी के बाद 1700 में 28 फरवरी तक पुराने कैलेंडर से नए कैलेंडर की तारीख में 10 दिन की वृद्धि रही बीच में 1600 ईसवी जो कि 400 से पूरी तरह विभाजित होता था लेकिन और नई पद्धती में वाह लीप ईयर होता किंतु उसमें तारीख में अंतर करने हेतु 1 दिन की वृद्धि नहीं की गई जो कि हर एक 400 साल में करना था हर 400 साल में 1 दिन बढ़ाया जाना था यानी ईसवी सन् 1600 सौ में 10 दिन बढ़ाए गए, 1700 ईस्वी में 11 दिन जोड़े गए, 1800 ईस्वी में 12 दिन और, 1900 इसवी में फरवरी के बाद 13 दिन जोड़े गए जोकि 2000 ईस्वी में 400 से पूरी तरह विभाजित होने के कारण यह वृद्धि 13 दिन की ही रहेगी अत्यधिक एक दिन बढ़ेगा नहीं
तो दोस्तों बताइए यह जानकारी आपको कैसी लगी और हमारी ऐसी जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉक को पढ़ते रहिए
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